Vijay Rupani dies in Air India plane crash

गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री विजय रूपाणी का निधन: एक समर्पित राजनेता की स्मृति

अहमदाबाद – भारतीय राजनीति के एक प्रमुख और शांतचित्त चेहरा, गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री विजय रूपाणी का अहमदाबाद में एक एयर इंडिया विमान हादसे में दुखद निधन हो गया। वह 68 वर्ष के थे। यह हादसा देश और खासतौर पर गुजरात के लिए एक गहरा आघात है, जहाँ रूपाणी को उनके दृढ़ नेतृत्व, प्रशासकीय कुशलता और सामाजिक प्रतिबद्धता के लिए जाना जाता था।

प्रारंभिक जीवन और राजनीतिक उदय

विजय रूपाणी का राजनीतिक जीवन अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) के साथ एक छात्र नेता के रूप में शुरू हुआ। वे आपातकाल (1975-77) के दौरान लोकतंत्र की रक्षा में अग्रणी रहे और भावनगर जेल में एक वर्ष तक कैद रहे। यह अनुभव उनके अंदर नैतिक साहस और जनसेवा की भावना को मजबूत करने वाला साबित हुआ।

राजनीति में उनका औपचारिक प्रवेश 1987 में राजकोट नगर निगम के पार्षद के रूप में हुआ, जहाँ वे बाद में महापौर भी बने। अपने लगातार मेहनत और संगठनात्मक क्षमताओं के चलते वे जल्दी ही भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विश्वसनीय नेता के रूप में उभरे।

राज्यसभा से मुख्यमंत्री तक का सफर

विजय रूपाणी 2006 से 2012 तक राज्यसभा सांसद रहे। इसके बाद गुजरात की राजनीति में उनका प्रभाव और बढ़ा और वे गुजरात विधानसभा में निर्वाचित हुए।

अगस्त 2016 में, उन्हें गुजरात का मुख्यमंत्री नियुक्त किया गया। यह कार्यकाल कोविड-19 महामारी, आर्थिक मंदी और स्वास्थ्य सेवाओं की भारी चुनौती से भरा रहा। इसके बावजूद उन्होंने राज्य में स्थिरता, व्यवस्था, और सामाजिक समरसता को बनाए रखा।

विकासोन्मुखी दृष्टिकोण

मुख्यमंत्री के रूप में रूपाणी ने औद्योगिक विकास, शहरी आधारभूत संरचना, और सामाजिक न्याय को प्राथमिकता दी। उन्होंने गुजरात को निवेश के अनुकूल राज्य बनाए रखने के लिए कई नीतिगत सुधार किए। “वाइब्रेंट गुजरात” समिट के माध्यम से राज्य को वैश्विक निवेश के नक्शे पर प्रमुखता दिलाई।

उनकी सरकार ने विशेष रूप से गरीबों और ग्रामीण वर्गों को ध्यान में रखते हुए योजनाएं चलाईं। उन्होंने स्वास्थ्य, शिक्षा, और महिला सशक्तिकरण के क्षेत्र में कई प्रभावशाली कदम उठाए।

शांतिपूर्ण विदाई

सितंबर 2021 में विजय रूपाणी ने स्वेच्छा से मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देकर एक राजनीतिक परिपक्वता और दल के प्रति निष्ठा का उदाहरण प्रस्तुत किया। यह कदम उन्होंने पार्टी की नई रणनीति और युवा नेतृत्व को आगे लाने के उद्देश्य से उठाया था।

अंतिम क्षण और राष्ट्रीय क्षति

गुरुवार को, जब वे अहमदाबाद से दिल्ली की यात्रा पर थे, एयर इंडिया की फ्लाइट में एक तकनीकी त्रुटि के चलते विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया, जिसमें उनके साथ कई अन्य लोगों की भी मृत्यु हुई। इस घटना से पूरे देश में शोक की लहर दौड़ गई।

प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति और विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं ने उनके निधन पर गहरी शोक-संवेदनाएँ प्रकट कीं। भाजपा ने उन्हें “एक सच्चा कर्मयोगी और जनता का नेता” बताते हुए उनकी सेवाओं को अविस्मरणीय बताया।


विरासत

विजय रूपाणी की विरासत उनके सादगीपूर्ण जीवन, संवेदनशील प्रशासन, और जनता के प्रति समर्पण में परिलक्षित होती है। उन्होंने यह सिद्ध किया कि राजनीति केवल सत्ता का खेल नहीं, बल्कि जनसेवा का माध्यम है। उनकी अनुपस्थिति न केवल गुजरात बल्कि भारतीय राजनीति के लिए एक अपूरणीय क्षति है।

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